मानते सब है किंतु जानते कोई नही ? जी हां आप ने सही पढ़ा | हम हमेशा कलाई में पूजा पाठ के समय मौली या कलावा बाँधते है | परन्तु आपको पता है ऐसा क्यों करते है | इसके पीछे भी हमारी हिन्दू मान्यता और विज्ञान के कुछ तथ्य है | आइये जानते है क्या है इसके पीछे ??
हिन्दू मान्यता से अनुसार :-
शास्त्रो को मत है कि हाथ मे मौली बाँधने से त्रिदेवों ( ब्रम्हा , विष्णु , महेश ) और तीनों देवियों ( लक्ष्मी , सरस्वती , और काली ) की कृपा प्राप्त होती है | माँ लक्ष्मी की कृपा से धन संपत्ति , माँ सरस्वती की कृपा से विद्या-बुद्धि और माँ काली की कृपा से शक्ति प्राप्त होती है | इसलिए कलाई में पूजा पाठ के समय लोग मौली या कलावा बाँधते है |
विज्ञान ( science ) के अनुसार :-
शरीर विज्ञान के अनुसार त्रिदोष ( वात , पित्त और कफ ) का शरीर पर आक्रमण नही होता क्योंकि एक्यूप्रेशर चिकित्सा के अनुसार रक्त का संचार नाड़ियों में मौली से घषर्ण करते हुए होता है | घषर्ण से रक्त्त के संचार में शीतलता नही आती जिस कारण त्रिदोष होने का भय नही रहता |
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